मै बाबा बहुरंगी भजन lyrics

संतों मै बाबा बहुरंगी भजन lyrics

दोहा

संत बड़े परमार्थी और शीतल बांका अंग।
तपत बुझावे और की दे दे अपना रंग।।

कुंडली

संगत कीजै संत की क्या नुगरों से काम।
नुगरा ले जावे नारगी संत मिलावे राम।
संत मिलावे राम नारगी बाहर काढै।
दे अपना उपदेश ज्ञान री जहाजा चाढ़े।
मंगलगिरी यू कहत हैं अमर बसावे धाम।
संगत कीजै संत की क्या नुगरों से काम।।

सवैया

मात मिले पुनी तात मिले सुत भ्रात मिले युवती सुखदाई।
राज मिले गजबाज मिले सब साज मिले मनवांछित पाई।
लोक मिले विधिलोक मिले सुरलोक मिले बैकुंठ जाई।
सुंदर और मिले सब ही सुख संत समागम दुर्लभ भाई।।

भजन

संतों मै बाबा बहुरंगी भजन

नही किसी से न्यारा रहवु नहीं किसी का संगी।।टेर।।

1 सत का घोटा शील लंगोटा चादर है पचरंगी।
नेम धर्म की पहरी खड़ाऊ लाल रंग में रंगी।।

2 खमिया रो खप्पर जुगत री झोली अलख घर भिक्षा मांगी।
सत से लिया संतोष कर पाया हो गया सरभंगी।।

3 सोवनी शिखर में मठ हमारा सुरता है अर्धांगी।
कहवे सुरता सुनो स्वामी जी आप बड़ा अड़बंगी।।

4 साच झूठ रे बीच में खेलू सिमरू नाम सोहंगी।
हेमनाथ नही नाम हमारा बसूं देश बैरंगी।।

इस भजन को सुनने के लिए क्लिक करें 🔜1 मै बाबा बहुरंगी भजन  2  पेला पेला देव रे गजानन सिमरो

यह भजन हेमनाथ जी महाराज द्वारा रचित संत महिमा पर आधारित है जिसको इन्होंने संत का जीवन कैसा होता है इस विषय पर इन्होंने प्रकाश डाला है हेमनाथ जी महाराज ने बताया कि एक संत इस संसार के अंदर किस प्रकार से रहता है उसका इस संसार के प्रति कैसा व्यवहार रहता है इस विषय को इन्होंने काव्य रचना में पिरोहित करके आम समाज के बीच प्रस्तावित किया है मित्रों अगर यह भजन आपको पसंद आए तो कृपया लाइक करें अपने किसी भी सुझाव के लिए कृपया आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें तथा साथ ही साथ अगर आप कथा कहानियां चंद दोहे सवैया आदि पढ़ने के इच्छुक हैं तो कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके भी पढ़ सकते हैं धन्यवाद। मै बाबा बहुरंगी भजन lyrics

कवि गंग के दोहे    गिरधर कविराय की कुंडलियां     रसखान के सवैया    उलट वाणी छंद    गोकुल गांव को पेन्डो ही न्यारौ ब्रह्मा विष्णु महेश की उत्पत्ति कैसे हुई    राजा निर्मोही की कथा    गज और ग्राह की कथा    चौबीस सिद्धिया वर्णन      सच्चे संत के क्या लक्षण है?   धर्म क्या है?    शराब छुड़ाने का रामबाण उपाय     बलात्कार रोकने के कुछ उपाय      आत्मबोध जीव ईश्वर निरूपण   शंकराचार्य जी का जीवन परिचय    सती अनुसूया की कथा     अत्रि ऋषि की कथा  भक्त प्रहलाद की कथा     यमराज की कथा   सनकादि ऋषियों की कथा     देवर्षि नारद की कथा   वशिष्ठ ऋषि की कथा    भृगु ऋषि की कथा     महर्षि ऋभु की कथा     गोस्वामी समाज का इतिहास     कपिल मुनि की कथाा     कश्यप ऋषि की कथा      आत्महत्या दुखों का निवारण नहीं  आध्यात्मिक ज्ञान प्रश्नोत्तरी

राजिया रा सौरठा

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top