ओछी संगत मत करीये भजन lyrics

ओछी संगत मत करीये भजन lyrics

( श्री पं. रामलाल जी की वाणी )

मन मेरा ओछी संगत मत करीये ।
थांरा गुरा पीरो सु डरिये ॥ टेर ॥

नर हर फन्द रचीयो इण जुगमें, देख ने डरिये ।
काटे फन्द होवो बडभागी, निरख निरदख पग धरीये ॥ 1 ॥

केल केवड़ा तीजी बोलड़ी, एकण थोणे नहीं धरीये।
अछम पिछम रा वाजे वारीयाँ, केल काँटो से डुरीये ॥ 2 ॥

पाका वृक्ष हुआ पंछी भेला, कचबस कचबस करीये।
कागा रे संग जाय हंसालो बैठो, बिना मौत से मरीये ॥ 3 ॥

चन्द्र सूरज भेली सुखमणा, नित उठ दर्शन करीये ।
रामलाल गुण पंड़ित गावे, थोड़ा कलियुग देख ने ड्ररीये ॥ 4 ॥

 

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