जोगपंथ दोरो है भाई भजन lyrics

जोगपंथ दोरो है भाई भजन lyrics

1 शील संतोष में साबत रहना एड़ी थोरी कमर कसाई।
चारों धार खोडा री चलना चूको ठौर ना होई।।

जोगपथ दौरो है भाई

(टेर) जरना जालो झूठ मत बोलो नित मरणा मन मोई
चलनो चालो धार खोडा री भूलो ठौर ना कोई।।टेर।।

2 अढ़ाई पोबड़ा अल्टी लांगी सब जग खपियो वोई।
तीन पोबड़ा पंथ दोइलें देहि में दरसे साईं।।

3शीश उतार धरो गुरु आगे धड़ सू करो लड़ाई।
आठो पहर इंद्रियों से अड़ना हार न आवे काईं।।

नाथ गुलाब गुरू पूरा मिलिया इण विध भेटिया साई।
भवानी नाथ सतगुरू जी रे चरणे मस्त फकीरी पाई।।

 

ज्यादा पढ़ने के लिए कृपया यहाँ नीचे समरी पर क्लिक करें 👇

 

(1) पेला पेला देवरे गजानंद सिमरो (2) मैं थाने सिमरु गजानंद देवा (3) सन्तो पूजो पांचोहि देवा (4) गणपत देव रे मनाता (5) मनावो साधो गवरी रो पुत्र गणेश (6) सन्तो मैं बाबा बहुरंगी (7) सन्तो अविगत लिखीयो ना जाई (8) अब मेरी सुरता भजन में लागी (9) अब हम गुरु गम आतम चीन्हा (10) काया ने सिणगार कोयलिया (11) मत कर भोली आत्मा (12) जोगीड़ा ने जादू कीन्हो रे (13) मुसाफिर मत ना भटके रे (14) गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी (15) जिस मालिक ने सृष्टि रचाई (16) बर्तन जोये वस्तु वोरिए (17) गुरु देव कहे सुन चेला (18) संतो ज्ञान करो निर्मोही (19) मोक्स का पंथ है न्यारा (20) गुरुजी बिना सुता ने कूण जगावे (21) केसर रल गई गारा में (22) पार ब्रह्म का पार नहीं पाया (23) आयो आयो लाभ जन्म शुभ पायो (24) इण विध हालो गुरुमुखी (25) आज रे आनंद मारे सतगुरु आया पावणा (26) मारे घरे आजा संत मिजवान (27) गुरु समान दाता जग में है नहीं (28) बलिहारी गुरुदेव आपने बलिहारी (29) गुरु बिन घोर अंधेरा (30) भोली सी दुनिया सतगरु बिन कैसे सरिया

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top