ओलखले जोगा ओइ उणियारो lyrics
( सन्त श्री भवानी नाथजी की वाणी )
ओलखले जोगा ओइ उणियारो, पर भुमों में मत जा।
ओलखले जोगा ओइ उणियारो, स्वेत वर्णनहीं म्हारो श्याम॥टेर।।
(1) ऊगीया सोय छिप जाय, वो नहीं देश हमारो।
नहीं चन्दा नहीं भाण, भाण बिन भयो उजियारो॥
(2) इड़ा उड़द रे बीच मांहि, झगड़ों रचियो भारत भारी।
शुरा पुरा खेले दाँव, दिया लीना गुरा से इशारो॥
(3) धरा गगन रे बीच, तपसीड़ो तापे तापनहारो।
जिगरे अंग नहीं भभूत, नहीं कोई तापनहारो।।
ओलखले जोगा ओइ उणियारो lyrics
(4) सुन कहीजे तीन सौ साठ, जहाँ पर म्हारो तख्त हमारो।
द्वादश कहिजे रे इकिश, वहाँ बसे सिरजणहारो।।
(5) गुरू मिल्या नाथ गुलाब, खुल गया मारा हिरदे रा ताला।
गावे भवानीनाथ, सत्संग में म्हारे हुओ उजियालो।।
ओलखले जोगा ओइ उणियारो lyrics
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(1) पेला पेला देवरे गजानंद सिमरो
(2) मैं थाने सिमरु गजानंद देवा
(5) मनावो साधो गवरी रो पुत्र गणेश
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(14) गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी
(20) गुरुजी बिना सुता ने कूण जगावे
(21) केसर रल गई गारा में
(22) पार ब्रह्म का पार नहीं पाया
(23) आयो आयो लाभ जन्म शुभ पायो
(24) इण विध हालो गुरुमुखी
(25) आज रे आनंद मारे सतगुरु आया पावणा
(27) गुरु समान दाता जग में है नहीं
(28) बलिहारी गुरुदेव आपने बलिहारी
(29) गुरु बिन घोर अंधेरा
(30) भोली सी दुनिया सतगरु बिन कैसे सरिया
परारे भवा में मति जाव ओलखले जोगा
ओलखले जोगा ओइ उणियारो lyrics