सत री संगत सुख पावो lyrics
(सन्त हेमनाथजी की वाणी )
सन्तो भाई सत री संगत सुख पावो।
चिन्ता विकारसब छोड़ो कल्पना, होय निर्भय गुण गावो॥देर॥
(1) सत री संगत में लाभ घणेरो, गुण गोविन्द रा गावो।
सुरत नुरत एकण घर लावो, दुविधा ने दूर हटावो॥1॥
(2) सतगुरू श्याम संगत में परशे, निरख परख पावो।
जो थांरो मनड़ो कहयो नहीं मांने, चुपचाप घर जावो॥2॥
सत री संगत सुख पावो lyrics
(3) सत री संगत सुखसागर कहिजे, रत्न अमोलक पावो।
हिरा परख निरख कर लेणा, जुगरा दूर हटावो॥३॥
(4) सत री संगत घर सुखमण साजो, चित्त चेतन से मिलावो।
कहे हेमनाथ सुणो भाई साधो, नहीं किसी को धावो॥4॥
सत री संगत सुख पावो lyrics
ज्यादा पढ़ने के लिए कृपया यहाँ नीचे समरी पर क्लिक करें 👇
गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी
आज रे आनंद मारे सतगुरु आया पावणा
भोली सी दुनिया सतगरु बिन कैसे सरिया
मेरे तो गिरधर गोपाल lyric
पेला पेला देवरे गजानंद सिमरो
गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई