सत री संगत सुख पावो lyrics

सत री संगत सुख पावो lyrics

सत री संगत सुख पावो lyrics

(सन्त हेमनाथजी की वाणी )

सन्तो भाई सत री संगत सुख पावो।
चिन्ता विकारसब छोड़ो कल्पना, होय निर्भय गुण गावो॥देर॥

(1) सत री संगत में लाभ घणेरो, गुण गोविन्द रा गावो।
सुरत नुरत एकण घर लावो, दुविधा ने दूर हटावो॥1॥

(2) सतगुरू श्याम संगत में परशे, निरख परख पावो।
जो थांरो मनड़ो कहयो नहीं मांने, चुपचाप घर जावो॥2॥

सत री संगत सुख पावो lyrics

(3) सत री संगत सुखसागर कहिजे, रत्न अमोलक पावो।
हिरा परख निरख कर लेणा, जुगरा दूर हटावो॥३॥

(4) सत री संगत घर सुखमण साजो, चित्त चेतन से मिलावो।
कहे हेमनाथ सुणो भाई साधो, नहीं किसी को धावो॥4॥

सत री संगत सुख पावो lyrics

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मैं थाने सिमरु गजानंद देवा

सन्तो पूजो पांचोहि देवा

गणपत देव रे मनाता

मनावो साधो गवरी रो पुत्र गणेश

सन्तो मैं बाबा बहुरंगी

सन्तो अविगत लिखीयो ना जाई

अब मेरी सुरता भजन में लागी

अब हम गुरु गम आतम चीन्हा

काया ने सिणगार कोयलिया

मत कर भोली आत्मा

जोगीड़ा ने जादू कीन्हो रे

मुसाफिर मत ना भटके रे

गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी

 जिस मालिक ने सृष्टि रचाई

 बर्तन जोये वस्तु वोरिए

 गुरु देव कहे सुन चेला

संतो ज्ञान करो निर्मोही

मोक्स का पंथ है न्यारा

 गुरुजी बिना सुता ने कूण जगावे

 केसर रल गई गारा में

 पार ब्रह्म का पार नहीं पाया

 आयो आयो लाभ जन्म शुभ पायो

इण विध हालो गुरुमुखी

 आज रे आनंद मारे सतगुरु आया पावणा

मारे घरे आजा संत मिजवान 

गुरु समान दाता जग में है नहीं 

बलिहारी गुरुदेव आपने बलिहारी  

 गुरु बिन घोर अंधेरा

भोली सी दुनिया सतगरु बिन कैसे सरिया

मेरे तो गिरधर गोपाल lyric
पेला पेला देवरे गजानंद सिमरो
गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई

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