चाकर राखो जी भजन lyrics
चाकर राखो जी
मने चाकर राखो, चाकर राखो, चाकर राखो जी ।
गिरधारी, मने चाकर राखो जी ।।
चाकर रहसूँ बाग लगासूं, नित-उठ दरसन पासूँ।
वृंदावन की कुंज गलिन में, गोविंद लीला गायूँ ।।
मने चाकर राखो, चाकर राखी, चाकर राखो जी ।
चाकरी में दरशन पासूँ, सुमरन पासूँ खरची ।
भाव, भगति, जागीरी पासूँ, तीन ही बात है सरसी।।
मने चाकर राखो, चाकर राखो, चाकर राखो जी ।।
चाकर राखो जी भजन lyrics
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे, गल बैजन्ती माला !
वृंदावन में धेनु चरावे, मोहन मुरली वाला।।
मने चाकर राखो, चाकर राखो, चाकर राखो जी ।।
हरे-हरे नित बाग लगाऊँ, बिच-बिच राखूँ क्यारी ।
साँवरिया के दरसन पाऊँ, पहर कुसुम्मी सारी ।
मने चाकर राखो, चाकर राखो, चाकर राखो जी ।
चाकर राखो जी भजन lyrics
जोगी आया जोग करण कू, तप करणे संन्यासी ।
हरि भजन को साधू आया, वृंदावन के वासी।
मने चाकर राखो, चाकर राखो, चाकर राखो जी ।
‘मीरा’ के प्रभु गहिर गंभीरा, सदा रहो जी धीरा।
आधी रात प्रभु दरसन दैहें, यमुनाजी के तीरा।।
मने चाकर राखो, चाकर राखो, चाकर राखो जी।
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श्याम मने चाकर राखो जी भजन