घर का भेद बताऊ भजन lyrics

घर का भेद बताऊ भजन lyrics

घर का भेद बताऊ भजन lyrics
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साधु भाई घर का भेद बताऊ

(1) पूरब देश का संत कहिजौ वाणी अगम की गाऊ ।
अटल पुरुष की सेवा साधु संत का नेम संभाऊ ।।

साधु भाई घर का भेद बताऊ ।
सास झूठ कि करे पारखा ज्याने शीश नमाऊ ।।१।।

(2)तीन देश रा जीष कहिजौ तीन देव मनाऊ ।
जिसके ऊपर बच्चे हंस राजा सुरता का बर पाऊं ।।२।।

घर का भेद बताऊ भजन lyrics

(3)मन इंशा मिल मंडप रचाया चिन्त्या महल मिलाई ।
अकल देश से हेस उड़ाई पुरूष विदेह मिलाऊ ।।३।।

(4)अकल कला संता कि रहणी सत धरम में नाऊ ।
निज मन होय मिल्या अषिगत सु हीरा लाल चुगाऊ ।।४।।

(5) भीखाराम गुरु पूरा मिल्या करता करम मिटाऊ ।
मनुराम सत गुरु जी रे शरणै परसंग गाऊ ।।५।।

 

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(1) पेला पेला देवरे गजानंद सिमरो

(2) मैं थाने सिमरु गजानंद देवा

(3) सन्तो पूजो पांचोहि देवा

(4) गणपत देव रे मनाता

(5) मनावो साधो गवरी रो पुत्र गणेश

(6) सन्तो मैं बाबा बहुरंगी

(7) सन्तो अविगत लिखीयो ना जाई

(8) अब मेरी सुरता भजन में लागी

(9) अब हम गुरु गम आतम चीन्हा

(10) काया ने सिणगार कोयलिया

(11) मत कर भोली आत्मा

(12) जोगीड़ा ने जादू कीन्हो रे

(13) मुसाफिर मत ना भटके रे

(14) गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी

(15) जिस मालिक ने सृष्टि रचाई

(16) बर्तन जोये वस्तु वोरिए

(17) गुरु देव कहे सुन चेला

(18) संतो ज्ञान करो निर्मोही

(19) मोक्स का पंथ है न्यारा

(20) गुरुजी बिना सुता ने कूण जगावे

(21) केसर रल गई गारा में

(22) पार ब्रह्म का पार नहीं पाया

(23) आयो आयो लाभ जन्म शुभ पायो

(24) इण विध हालो गुरुमुखी

(25) आज रे आनंद मारे सतगुरु आया पावणा

(26) मारे घरे आजा संत मिजवान

(27) गुरु समान दाता जग में है नहीं

(28) बलिहारी गुरुदेव आपने बलिहारी

(29) गुरु बिन घोर अंधेरा

(30) भोली सी दुनिया सतगरु बिन कैसे सरिया  

जल को भेद बताओ ब्रह्मज्ञानी

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