मन बिना करम नहीं होता lyrics

मन बिना करम नहीं होता lyrics

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(सन्त कंबीरदासजी की वाणी )

अवधु मन बिना करम नहीं होता।
धर असमान पवन नहीं था, हम तुम दोनों कहाँ थे॥टेर॥

(1) आप अलख अन्दर होय बैठा, बून्द अमीरस छूटा।
एक बून्द का सकल पसारा, परछ-परछ होई झूठा।।

(2) मात पिता मिल भेले आया, करी करम की पूजा।
पहले पिता थे अकेले, पूत्र जन्गीया दूजा॥

मन बिना करम नहीं होता lyrics

(3) सात कुली सायर आठ कुली परबत, नोकुली नाग वठे नहीं था।
अठारह करोड़ बनस्पति नहीं थी, कलम काड़े की करता॥

(4) ब्रह्मा नहीं था विष्णु नहीं था, नहीं था शंकर-देवा।
कहे कबीर वहां मण्ड़प नहीं था, मांडन वाला कुण था॥ 

 

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(1) पेला पेला देवरे गजानंद सिमरो

(2) मैं थाने सिमरु गजानंद देवा

(3) सन्तो पूजो पांचोहि देवा

(4) गणपत देव रे मनाता

(5) मनावो साधो गवरी रो पुत्र गणेश

(6) सन्तो मैं बाबा बहुरंगी

(7) सन्तो अविगत लिखीयो ना जाई

(8) अब मेरी सुरता भजन में लागी

(9) अब हम गुरु गम आतम चीन्हा

(10) काया ने सिणगार कोयलिया

(11) मत कर भोली आत्मा

(12) जोगीड़ा ने जादू कीन्हो रे

(13) मुसाफिर मत ना भटके रे

(14) गिगन में जाए खड़ी प्रश्न उत्तर वाणी

(15) जिस मालिक ने सृष्टि रचाई

(16) बर्तन जोये वस्तु वोरिए

(17) गुरु देव कहे सुन चेला

(18) संतो ज्ञान करो निर्मोही

(19) मोक्स का पंथ है न्यारा

(20) गुरुजी बिना सुता ने कूण जगावे

(21) केसर रल गई गारा में

(22) पार ब्रह्म का पार नहीं पाया

(23) आयो आयो लाभ जन्म शुभ पायो

(24) इण विध हालो गुरुमुखी

(25) आज रे आनंद मारे सतगुरु आया पावणा

(26) मारे घरे आजा संत मिजवान

(27) गुरु समान दाता जग में है नहीं

(28) बलिहारी गुरुदेव आपने बलिहारी

(29) गुरु बिन घोर अंधेरा

(30) भोली सी दुनिया सतगरु बिन कैसे सरिया  

(31) मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई

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