संतरी संगत हेली भजन lyrics

सत री संगत गंगा गोमती म्हारी हेली लेवो नी डुबकी लगाय।।
स्वार्थ रा झूठा झगड़ा छोड़ दें म्हारी हेली झूठो है जग संसार।।
माया सु मनड़ो थारो मोड़ दे म्हारी हेली साचो है साईं किरतार ।।
परमारत रे ही कारणे मारी हेली धारे है संत शरीर ।
धीर बन्धवों मन मोयलो मिटे भ्रम रो भीत ।।
संतरी संगत हेली भजन lyrics
पहला हटावो मन मोयलो म्हारी हेली शब्दों रो निर्मल नीर।
मिटे अन्धेरो होवे चानणों म्हारी हेली ज्ञान सरूपी जागे जोत।।
भजनों में चित लगावणो म्हारी हेली भजनों में भगति रो सार।
ज्ञान हिरदा में उपजावनो म्हारी हेली ज्ञान मुगति रो आधार।।
दास अशोक रो ही केवणो म्हारी हेली माला रो बणियो किरतार।
भजनों रो लावो नित लेवणो म्हारी हेली भजनों से उतरो भवपार।।
संतरी संगत हेली भजन lyrics
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