girdhar kaviray ki kundaliyan गिरधर कविराय की कुंडलियां
girdhar kaviray ki kundaliyan गिरधर कविराय की कुंडलियां ज्ञान-वैराग्य तुही शुद्ध परमात्मा तुही शुद्ध परमात्मा, तुही सच्चिदानन्द।चतुर्वेद यों कहत हैं, […]
DOHE
girdhar kaviray ki kundaliyan गिरधर कविराय की कुंडलियां ज्ञान-वैराग्य तुही शुद्ध परमात्मा तुही शुद्ध परमात्मा, तुही सच्चिदानन्द।चतुर्वेद यों कहत हैं, […]
कवि वृंद के दोहे दो शब्द हिन्दी-साहित्य में लोक-व्यवहार विषयक वृन्द कवि की सूक्तियां बड़ी लोकप्रिय हैं, और उनका अपना
राजिया रा सोरठा अर्थसहित कृपाराम बारहठ राजस्थानी कवि एवं नीतिकार थे। उन्होने ‘राजिया रा दूहा’ नामक नीतिग्रन्थ की रचना की।
विक्रम बैताल के छंद नमस्कार दोस्तों कवि बैताल ने राजा विक्रम से कुछ नीति वर्धक ज्ञान की बातें छंदों के
अन्नपूर्णा स्तोत्रम संसार में सर्वप्रथम भिक्षा भगवान शिव ने माता अन्नपूर्णा जी से मांगी थी। और उन्होंने माता अन्नपूर्णा ईश्वरी
सगरामदास जी की कुंडलियां कहे दास सगराम मनै यों अचरज आवै।मिनख कियो महाराज भले थूं काईं चावै।।कांई चावै है वले
गुरु महिमा के दोहे गुरु र ब्रह्मा गुरु र विष्णु गुरु र देवो महेश्वरम। गुरु र साक्षात पारब्रह्म तस्मै श्री