Shukdev Rishi Ki Katha Bhaktmal Dvara Rachit Poranik Kathaen
Shukdev Rishi Ki Katha श्री शुकदेव जी आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।कुर्वन्त्यहैतुकीं भक्तिमित्थम्भूतगुणो हरिः॥(श्रीमद्भा० १।७। १०) ‘जो आत्माराम, आप्तकाम, मायाके समस्त […]
Shukdev Rishi Ki Katha श्री शुकदेव जी आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे।कुर्वन्त्यहैतुकीं भक्तिमित्थम्भूतगुणो हरिः॥(श्रीमद्भा० १।७। १०) ‘जो आत्माराम, आप्तकाम, मायाके समस्त […]
Vedvyas Ji Ki Katha महर्षि वेदव्यास जी स वै पुंसां परो धर्मो यतो भक्तिरधोक्षजे।अहैतुक्यप्रतिहता ययाऽऽत्मा सम्प्रसीदति॥(श्रीमद्भा० १।२।६) ‘इन्द्रियातीत परमपुरुष भगवान्में
Mahrishi Maitray Ki Katha महर्षि मैत्रेय महर्षि मैत्रेय पुराणवक्ता ऋषि हैं। वे ‘मित्र’ के पुत्र होनेके कारण मैत्रेय कहाये। श्रीमद्भागवतमें
Devmali Bhakt Ki Katha भक्त देवमाली ब्राह्मण स्तेयं हिंसानृतं दम्भः कामः क्रोधः स्मयो मदः।भेदो वैरमविश्वासः संस्पर्धा व्यसनानि च।एते पञ्चदशाना ह्यर्थमूला
Bhakt Padmanabh Ki Katha भक्त पद्मनाभ प्राचीन कालकी बात है। आजकल जहाँ श्रीबालाजीका मन्दिर है, वहाँसे थोड़ी दूर एक चक्रपुष्करिणी
Bhakt Ramanuj Ki Katha भक्त रामानुज दक्षिणमें रामानुज नामसे प्रसिद्ध एक जितेन्द्रिय ब्राह्मण थे। भगवान् विष्णुके चरणोंमें उनका अटूट अनुराग
Bhakt Bhadramati Ki Katha भक्त भद्रमती प्राचीनकालमें भद्रमति नामसे प्रसिद्ध एक श्रेष्ठ ब्राह्मण हो गये हैं। वे बड़े विद्वान् और
Ramkrishna Muni Ki Katha भक्त रामकृष्ण मुनि यह मनुष्य-जीवन बड़ा दुर्लभ है। इसकी प्राप्ति संसारका सुख भोगनेके लिये नहीं, भगवान
jadbharat ki katha महात्मा जड़भरत जी प्राचीन कालमें भरत नामके एक महान् प्रतापी एवं भगवद्भक्त राजा हो गये हैं, जिनके
भक्त मंकणक की कथा शिवभक्त मंकणक पुण्यसलिला सरस्वती नदीके किनारे एक परम तपस्वी मंकणक नामके ब्राह्मण रहते थे। एक दिनकी