राजा जनक की कथा
राजा जनक की कथा आत्मारामाश्च मुनयो निर्ग्रन्था अप्युरुक्रमे । कुर्वन्त्यहैतुकों भक्तिमित्यम्भूतगुणो हरिः ॥ ( श्रीमद्भा० १ । ७ । १०)
राजा रघु की कथा
राजा रघु की कथा सूर्यवंशमें जैसे इक्ष्वाकु, अजमीढ़ आदि राजा बहुत प्रसिद्ध हुए हैं, उसी प्रकार महाराज रघु भी बड़े
राजा दिलीप की कथा
राजा दिलीप की कथा गयो मे अग्रतः सन्तु गावो मे सन्तु पृष्ठतः गायोमेसन्तु गवां मध्ये वसाम्यहम् ॥ इक्ष्वाकुवंशमें महाराज दिलीप
राजा हरिश्चंद्र की कथा || राजा हरिश्चंद्र की कहानी
राजा हरिश्चंद्र की कथा सत्य मूल सब सुकृत सुहाए। बेद पुरान प्रगट मनु गाए । महर्षि विश्वामित्रजीकी कृपासे सशरीर स्वर्ग
राजा रुक्माङ्गद की कथा
राजा रुक्माङ्गद की कथा प्रह्लादनारदपराशरपुण्डरीक। व्यासाम्बरीषशुकशौनकभीष्मदाल्भ्यान्रु क्माङ्गदार्जुनवसिष्ठविभीषणादीन् पुण्यानिमान् परमभागवतान् नमामि ॥ इक्ष्वाकुवंशमें अयोध्यानरेश ऋतध्वजके पुत्र महाराज रुक्माङ्गद हुए। ये धर्मात्मा
राजा अम्बरीष की कथा
राजा अम्बरीष की कथा को नु साधूनां दुस्त्यजो वा महात्मनाम्। यैः संगृहीतो भगवान् सात्वतामृषभो हरिः ।। (श्रीमद्भा० ९/५/१५) ‘जिन लोगोंने
खट्वाङ्ग ऋषि की कथा || raja khatwang ki katha
खट्वाङ्ग ऋषि की कथा किं धनैर्धनदैर्वा किं कामैर्वा कामदैरुत। मृत्युना ग्रस्यमानस्य कर्मभिर्वोत जन्मदैः ॥ (श्रीमद्भा० ११ । २३ । २७)
हनुमान जी की कथा
हनुमान जी की कथा यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकाञ्जलिम् ।बाष्पवारिपरिपूर्णलोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ॥ प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक